Union Budget 2025 : प्रमुख नीतियां और उनका आप पर क्या प्रभाव पड़ता है: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2025-2026 के केंद्रीय बजट में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने, मध्यम वर्ग को समर्थन देने और सतत विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण बिंदु पेश किए हैं। आज के लेख में हम उन घोषणाओं के बारे में बात करेंगे और जानेंगे कि इनका विभिन्न क्षेत्रों और आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
1.व्यक्तिगत आयकर सुधार
उच्च कर छूट सीमा
इस साल के बजट में सबसे बड़ा सुधार इनकम टैक्स में हुआ है। इनकम टैक्स छूट की सीमा 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख कर दी गई है। इसके पीछे सबसे बड़ा मकसद मध्यम वर्ग के करदाताओं को राहत देना है। उनकी खर्च करने लायक आय को बढ़ाना है और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देना है।
सरलीकृत कर संरचना
बजट में टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और कराधान प्रणाली को सरल बनाने का भी प्रस्ताव है। सरकार का लक्ष्य अनुपालन को आसान बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि वेतनभोगी व्यक्तियों को सुव्यवस्थित कर प्रक्रिया का लाभ मिले।
जनता पर प्रभाव
अगर व्यक्ति के पास ज़्यादा पैसा है तो वह ज़्यादा बचत कर सकता है या ज़्यादा खर्च कर सकता है। जिसका असर आर्थिक विकास में होता है। छूट की सीमा बढ़ने से शेयर बाज़ार, रियल एस्टेट और छोटे कारोबार में निवेश को बढ़ावा मिला है।
2.मध्यम वर्ग के लाभ: आवास और शिक्षा
किफायती आवास प्रोत्साहन
घर खरीदने वालों की मदद के लिए सरकार ने पहली बार होम लोन के ब्याज पर अतिरिक्त कर कटौती की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य घर के स्वामित्व को बढ़ावा देना और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देना है।
शिक्षा कर लाभ
माता-पिता शिक्षा व्यय के साथ-साथ स्कूल फीस और उच्च शिक्षा पर ऋण पर उच्च कटौती का दावा कर सकते हैं। यह सभी आय वर्ग के परिवारों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने के लिए बनाया गया है।
3.कृषि क्षेत्र को बढ़ावा
PM धन धान्य कृषि योजना
इस बार बजट में कृषि अवसंरचना और उच्च उपज वाली कृषि तकनीक पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए एक नई योजना की घोषणा की गई है।
किसानों पर प्रभाव
आधुनिक कृषि पद्धतियों और बेहतर बाजार पहुंच में निवेश करके, इस वर्ष के बजट ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को उनकी उपज पर अधिक लाभ मिले। जिससे लंबे समय में सरकारी सब्सिडी पर उनकी निर्भरता कम हो जाती है।
4.गिग श्रमिकों और छोटे व्यवसायों के लिए समर्थन
गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा
2025-26 के इस बजट में पहली बार 1 करोड़ से ज़्यादा गिग वर्कर्स (फ्रीलांसर या डिलीवरी पार्टनर) को सोशल सिक्योरिटी स्कीम में शामिल किया जाएगा। इसमें स्वास्थ्य लाभ और रिटायरमेंट लाभ शामिल होंगे।
MSME विकास पहल
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME’s) को आसानी से कम ब्याज दरों पर ऋण मिल सकेगा, जिससे व्यापार की स्थिरता और रोजगार सृजन सुनिश्चित होगा। स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कोष आवंटित किया गया है।
5.बुनियादी ढांचा और शहरी विकास
रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय
राजमार्गों, मेट्रो विस्तार और स्मार्ट सिटी विकास सहित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 11.21 ट्रिलियन रुपये का आवंटन अलग रखा गया है।
नौकरी बाज़ार पर प्रभाव
इन परियोजनाओं से लाखों नौकरियां पैदा होंगी, खासकर निर्माण, इंजीनियरिंग और परिवहन क्षेत्र में। कनेक्टिविटी बढ़ने से टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों में आर्थिक विकास बेहतर होगा।
6.शिक्षा और कौशल विकास
50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं
छात्रों को नवोन्मेषी और तकनीक के प्रति उत्साही बनाने के लिए सरकार स्कूलों और कॉलेजों में 50,000 टिंकरिंग लैब बनाने की योजना बना रही है।
AI और तकनीकी शिक्षा
AI शोध केंद्र स्थापित करने और तकनीकी स्टार्टअप को धन मुहैया कराने के लिए विशेष प्रोत्साहन शुरू किए गए हैं। इससे भारत कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उभरती प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता बन जाएगा।
7.ऊर्जा और स्थिरता लक्ष्य
100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा मिशन
परमाणु ऊर्जा बढ़ाने का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करना है।
हरित ऊर्जा निवेश
इस बजट के तहत सौर, पवन और जल ऊर्जा में भारी निवेश किया जाएगा, जिससे टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधानों को बढ़ावा मिलेगा।
राजकोषीय उत्तरदायित्व और जीडीपी वृद्धि
कम राजकोषीय घाटा लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.4% तक कम करना है ताकि मजबूत सार्वजनिक व्यय के कारण स्थिरता बनी रहे।
GDP वृद्धि की उम्मीदें
विशेषज्ञों के अनुसार, इन नीतियों से भारत की जीडीपी 7.5% की दर से बढ़ेगी और इसकी वजह से भारत वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
अंतिम विचार
Union Budget 2025 : प्रमुख नीतियां और उनका आप पर क्या प्रभाव पड़ता है – केंद्रीय बजट 2025-26 आर्थिक विकास, मध्यम वर्ग कल्याण, बुनियादी ढांचे के विकास और स्थिरता पर केंद्रित है। यह बजट भारत के भविष्य के लिए एक प्रगतिशील रोडमैप होने का दावा करता है।